कर्नाटक में खरीफ 2025 की शुरुआती बोआई ने मक्का जैसी प्रमुख फसलों के प्रति किसानों के बढ़ते रुझान को स्पष्ट कर दिया है। राज्य कृषि विभाग द्वारा जारी ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, 13 जून तक प्रदेश में कुल 20.42 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में खरीफ फसलों की बुवाई हो चुकी है, जो कि इस सीज़न के लिए तय किए गए 82.50 लाख हेक्टेयर लक्ष्य का लगभग एक-चौथाई है।
बीते वर्ष की तुलना में यह आंकड़ा थोड़ी सी बढ़त दर्शाता है। वर्ष 2024 की इसी अवधि में बोआई क्षेत्र 20.22 लाख हेक्टेयर था, जबकि इस वर्ष यह 20.42 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया है। इसका प्रमुख कारण शुरुआती मानसून बारिश और अनुकूल मौसम बताया जा रहा है, जिसने किसानों को समय पर बुवाई के लिए प्रेरित किया।
मक्का में सबसे तेज़ बढ़त
खरीफ सीजन में मक्का की बोआई इस बार खासतौर पर चर्चा में है। अब तक राज्य में 6.37 लाख हेक्टेयर में मक्का बोया जा चुका है, जो पिछले वर्ष के 5.68 लाख हेक्टेयर से लगभग 12 प्रतिशत अधिक है। कृषि विभाग ने इस वर्ष खरीफ मक्का के लिए 15.50 लाख हेक्टेयर का लक्ष्य निर्धारित किया है। कर्नाटक देश के प्रमुख मक्का उत्पादक राज्यों में से एक है, और इस फसल की बेहतर शुरुआत बाजार और व्यापार दोनों के लिए सकारात्मक संकेत है।
अन्य अनाजों की स्थिति
मक्का के मुकाबले अन्य अनाजों जैसे धान, बाजरा और मिलेट्स की बोआई अभी पिछली साल की तुलना में धीमी है। ज्वार में जरूर मामूली वृद्धि दर्ज की गई है। फिर भी, कुल मिलाकर अनाजों का बोआई क्षेत्र 6.84 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 7.43 लाख हेक्टेयर तक पहुंच चुका है, जो खरीफ सीजन की रफ्तार को बनाए रखने में सहायक हो सकता है।
संभावनाएं और संकेत
राज्य में समय से पहले और पर्याप्त वर्षा ने इस बार बोआई की रफ्तार को मजबूती दी है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यही स्थिति बनी रही और मौसम अनुकूल बना रहा, तो खरीफ 2025 कर्नाटक के लिए एक सफल सीजन हो सकता है। मक्का और सोयाबीन जैसी फसलों के शुरुआती प्रदर्शन से किसानों को लाभ की उम्मीद है, वहीं मंडियों में भी इन फसलों की आवक तेज होने की संभावना बन रही है।