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गुजरात में खरीफ 2025: मूंगफली की बुआई जोरों पर, बाकी तिलहन फसलें पीछे

गुजरात में इस साल खरीफ सीजन की बुआई जोर-शोर से चल रही है, खासकर तिलहन फसलों में। राज्य में 14 जुलाई 2025 तक तिलहन फसलों की बुआई कुल 20.79 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है। ये आंकड़ा सामान्य बुआई क्षेत्र (27.69 लाख हेक्टेयर) का करीब 75.07% है। यानी इस साल किसानों ने अब तक औसत के तीन-चौथाई हिस्से में बुआई पूरी कर ली है, जो एक......

Agriculture 15 Jul
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गुजरात में इस साल खरीफ सीजन की बुआई जोर-शोर से चल रही है, खासकर तिलहन फसलों में। राज्य में 14 जुलाई 2025 तक तिलहन फसलों की बुआई कुल 20.79 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है। ये आंकड़ा सामान्य बुआई क्षेत्र (27.69 लाख हेक्टेयर) का करीब 75.07% है। यानी इस साल किसानों ने अब तक औसत के तीन-चौथाई हिस्से में बुआई पूरी कर ली है, जो एक अच्छी शुरुआत मानी जा रही है।

सबसे बड़ी और अच्छी खबर मूंगफली की बुआई को लेकर है। किसान इस बार मूंगफली की खेती में सबसे ज्यादा रुचि दिखा रहे हैं। अब तक राज्य में 18.50 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में मूंगफली बोई जा चुकी है, जबकि हर साल का औसत 17.50 लाख हेक्टेयर होता है। इस हिसाब से इस साल मूंगफली की बुआई 105.70% तक पहुंच चुकी है। इसका मतलब है कि किसानों ने अनुमान से ज्यादा मूंगफली बो दी है। इसकी वजह मूंगफली की अच्छी मांग, अच्छी कीमतों की उम्मीद और मानसून की समय पर शुरुआत मानी जा रही है।

हालांकि बाकी तिलहन फसलों की स्थिति उतनी मजबूत नहीं है। सोयाबीन की बुआई अब तक 1.90 लाख हेक्टेयर में हुई है, जो सामान्य आंकड़े 2.62 लाख हेक्टेयर का सिर्फ 72.41% है। यानी अभी इसमें थोड़ी और बुआई बाकी है। तिल की बात करें तो केवल 18,725 हेक्टेयर में ही इसकी बुआई हो पाई है, जबकि सामान्य तौर पर ये आंकड़ा करीब 59,933 हेक्टेयर होना चाहिए। यानी तिल की बुआई सिर्फ 31.24% ही हो पाई है, जो काफी कम मानी जाएगी।

इसी तरह सूरजमुखी और अन्य तिलहन फसलों की हालत और भी कमजोर है। सूरजमुखी जैसे फसलों की बुआई सिर्फ 124 हेक्टेयर में हुई है, जबकि सामान्य लक्ष्य 1,041 हेक्टेयर होता है। यह सिर्फ 11.91% की बुआई है, जो बहुत ही धीमी रफ्तार दिखा रही है।

अब सवाल ये उठता है कि आगे क्या होगा? विशेषज्ञों का मानना है कि यदि मानसून की चाल ठीक बनी रही और बारिश सामान्य होती रही, तो जुलाई के आखिरी और अगस्त की शुरुआत में बाकी फसलों की बुआई में तेज़ी आ सकती है। लेकिन अगर बारिश की गति धीमी पड़ी, तो सोयाबीन, तिल और सूरजमुखी की बुआई प्रभावित हो सकती है।

इस बुआई का सीधा असर बाजार भाव पर भी पड़ सकता है। मूंगफली की बंपर बुआई के चलते आने वाले महीनों में इसका उत्पादन ज्यादा होगा, जिससे भाव में थोड़ी नरमी आने की आशंका है। वहीं तिल और सूरजमुखी जैसी फसलें अगर कम बोई जाती हैं, तो इनकी आपूर्ति कम रहेगी और बाजार में इनके भाव ऊंचे बने रह सकते हैं।

कुल मिलाकर, गुजरात के किसानों ने खरीफ सीजन की अच्छी शुरुआत की है। मूंगफली में रिकॉर्ड बुआई से उम्मीदें बढ़ी हैं, लेकिन बाकी तिलहन फसलों को रफ्तार पकड़नी होगी। सबकी निगाहें अब मानसून पर टिकी हैं, जो आने वाले हफ्तों में बुआई की तस्वीर को पूरी तरह बदल सकता है।

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