पिछले सप्ताह देशभर के मक्का बाजारों में मिलाजुला रुख देखने को मिला। दक्षिण भारत से औद्योगिक मांग में तेजी आई, जबकि श्रावण माह की वजह से पोल्ट्री फीड कंपनियों की खरीद सुस्त रही। बारिश और बुआई के रुझानों ने भी बाजार की दिशा को प्रभावित किया।
कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु की पोल्ट्री फीड मिल्स व पशु आहार इकाइयों ने उत्तर भारत से थोक खरीद बढ़ाई है, जिससे हाई रैक और ट्रक लोड सप्लाई में उल्लेखनीय तेजी आई है। स्टार्च और इथेनॉल इंडस्ट्री की ओर से निरंतर मजबूत डिमांड बाजार को स्थिर बनाए हुए है, जबकि पोल्ट्री फीड सेक्टर की लेवाली कमजोर बनी हुई है।
उत्तर भारत के कई इलाकों में बारिश के चलते मंडियों में मक्का की आवक में कमी आई। संभल मंडी में 15,000 से 20,000 बोरी की आवक दर्ज की गई, जो सामान्य मानी गई। कन्नौज, छिबरामऊ, एटा, मैनपुरी और सम्भल जैसे बाजारों में मक्का का भाव ₹2080 से ₹2150 प्रति क्विंटल के बीच रहा। कम आवक, मजबूत औद्योगिक मांग और ट्रांसपोर्ट लागत में वृद्धि के कारण कीमतों में यह मजबूती बनी रही।
सरकार द्वारा ओपन मार्केट सेल स्कीम (OMSS) के तहत डिस्टिलरियों को चावल की आपूर्ति शुरू की गई है, जिससे मक्का की जगह चावल के उपयोग की संभावना बनी है और इससे मक्का की मांग पर दबाव आ सकता है। साथ ही, श्रावण माह में पोल्ट्री प्रोडक्ट्स की खपत में गिरावट के चलते मांग और सुस्त रहने की संभावना है।
व्यापारियों का मानना है कि यदि स्टार्च और इथेनॉल सेक्टर की मौजूदा डिमांड बनी रही और पोल्ट्री सेक्टर की लेवाली में सुधार हुआ, तो आने वाले हफ्तों में भाव में ₹50 से ₹100 प्रति क्विंटल तक की तेजी संभव है। वर्तमान मांग और स्थितियों को देखते हुए महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश में मक्का के रकबे में भी वृद्धि की संभावना जताई जा रही है।
गुलाबबाग मंडी में प्रतिदिन 50,000 से 60,000 बोरी की आवक दर्ज की गई, और मक्का ₹2200 से ₹2350 प्रति क्विंटल के भाव पर कारोबार करता रहा। आने वाले समय में कीमतों की दिशा बारिश, श्रावण का प्रभाव, और औद्योगिक मांग की स्थिति पर निर्भर करेगी। यदि मांग बनी रही और आवक सीमित रही, तो मक्का के भाव ₹2350 से ₹2450 प्रति क्विंटल तक पहुंच सकते हैं। हालांकि, मांग में सुधार नहीं होने की स्थिति में हल्की गिरावट या साइडवेज़ मूवमेंट की संभावना भी बनी हुई है।