पिछले कुछ दिनों में चना बाजार में सकारात्मक रुख देखने को मिला है, लेकिन फिलहाल दिल्ली में चना की कीमत ₹6400 प्रति क्विंटल के आसपास अटकी हुई नजर आ रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि कमजोर बिकवाली और आगामी खपत सीजन के चलते चना की जड़ मजबूत बनी हुई है।
चना उत्पादक राज्यों में इस समय चने में नमी की मात्रा अधिक पाई जा रही है, जिससे कमजोर क्वालिटी की आपूर्ति बढ़ी है। इसके विपरीत, सूखे और अच्छी क्वालिटी वाले चने की मांग अभी भी बनी हुई है। रायपुर में आज मिलर्स की मांग थोड़ी सुस्त जरूर दिखी, लेकिन वहां भी कम भाव पर बेचने के लिए कोई तैयार नहीं है। यही स्थिति बीकानेर, जयपुर और कटनी मंडियों में भी देखने को मिल रही है। विश्वस्त सूत्रों के अनुसार नागपुर में भी कंडीशन चना में बिकवाली बिल्कुल नहीं हो रही है, जिससे भाव में दबाव नहीं बन पा रहा।
इसके अतिरिक्त, जुलाई महीने में भारतीय रुपया डॉलर के मुकाबले ₹1.66 कमजोर होकर 87.37 के रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया है। रुपया कमजोर होने से आयात महंगा होता है, जिससे घरेलू मांग पर असर पड़ता है और घरेलू उत्पादों को सहारा मिलता है।
तकनीकी नजरिए से देखा जाए तो जब तक दिल्ली चना (राजस्थान लाइन) ₹6200 के ऊपर ट्रेड करता है, बाजार की दिशा मजबूती की बनी हुई है। यदि यह ₹6425 के ऊपर साप्ताहिक बंद होता है, तो आने वाले समय में ₹6600 से ₹6800 तक के स्तर भी देखने को मिल सकते हैं।