सोयाबीन का बाजार इस हफ्ते दबाव में रहा। कम आवक होने के बावजूद भाव गिर गए; कुछ दिन पहले जो माल 4700 रुपये प्रति क्विंटल बिक रहा था, वह अब 4400–4300 रुपये प्रति क्विंटल तक आ गया है। कीर्ति प्लांट पर इस सप्ताह ₹120 की गिरावट देखी गई और भाव 4540 रुपये पर गए, फिर कुछ रिकवरी के बाद 4600 के स्तर के पास आए। मंडियों में लातूर 4560, सांगली 4500, राजकोट 4500, दाहोद 4450 और इंदौर 4500 प्रति क्विंटल पर दर्ज रहे। सरकार के कम भाव पर टेंडर निकालने की खबर ने बाजार का रुख मंदा कर दिया है।
शॉर्ट टर्म में मुख्य देखने वाली बात यह है कि कीर्ति प्लांट पर सोयाबीन 4600 को होल्ड कर पाती है या नहीं; यदि यह सपोर्ट टूटता है तो आगे गिरावट की संभावना बढ़ जाएगी और अगला सहारा लगभग 4400 रुपये प्रति क्विंटल पर दिखता है। सोया तेल के भाव मुद्रा पर ₹1255 और हजीरा पर ₹1265 प्रति 10 किलो के आसपास देखे जा रहे हैं। सोयामील के भाव में भी गिरावट आई है — चीन की मांग कमजोर रहने और ब्राज़ील की बढ़ी सप्लाई के कारण दबाव बना हुआ है। मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में बारिश से फसल को नुकसान हुआ है, जिससे उत्पादन पिछले साल की तुलना में लगभग 5–10% कम दिख रहा है; इस नुकसान और अच्छी क्वालिटी की आवक में देरी के कारण निचले स्तर से कुछ रिकवरी संभव है पर वह स्थायी न रहने की संभावना जताई जा रही है।
ऊँचा MSP और सरकारी खरीद भविष्य में बाजार का सहारा बन सकते हैं, पर फिलहाल मंडी मार्केट मीडिया का मत है कि हर छोटी तेजी पर अपना स्टॉक निकाल देना बुद्धिमानी होगी। सोयाबीन बाजार अब ज्यादा तर short-term ट्रेडिंग का मैदान बन गया है; जब तक सरकारी हस्तक्षेप नहीं होता, बड़ी और टिकाऊ तेजी की उम्मीद कम है।