देश के मक्का बाजार में फिलहाल कमजोरी का रुख बना हुआ है और भावों पर लगातार दबाव देखा जा रहा है। मध्यप्रदेश लाइन में बीते सत्र से कीमतों में 50 से 75 रुपये प्रति क्विंटल तक की गिरावट दर्ज की गई है, जिसके बाद औसत क्वालिटी का मक्का लगभग 1600 रुपये और बेहतर क्वालिटी का मक्का 1650 रुपये प्रति क्विंटल के आसपास कारोबार करता दिख रहा है। केवल मध्यप्रदेश की प्रमुख मंडियों में ही लगभग 250 वाहनों की आवक दर्ज की गई, जिससे सप्लाई दबाव और बढ़ गया।
प्लांट स्तर पर भी खरीद गतिविधि कमजोर बनी हुई है। गुजरात, महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश के स्टार्च, एथनॉल और कैटल फीड प्लांटों ने अपने खरीद भाव 20 से 55 रुपये प्रति क्विंटल तक घटा दिए हैं। ऊँचे भावों पर लेवाली लगभग ठप है और अधिकांश खरीदार केवल सीमित आवश्यकता के अनुसार ही माल उठा रहे हैं। पोल्ट्री और प्रीमियम चिकन सेगमेंट में भी दबाव देखने को मिला, जहां कई केंद्रों पर भाव एक ही झटके में 150 से 175 रुपये तक टूट गए।
इसी बीच भारत और बांग्लादेश के बीच बनी तनावपूर्ण स्थिति ने मक्का बाजार की चिंता और बढ़ा दी है। बांग्लादेश को होने वाले मक्का एक्सपोर्ट शिपमेंट्स को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है और बाजार में चर्चा है कि कुछ सौदे या तो टल गए हैं या रद्द किए जा रहे हैं। इससे एक्सपोर्ट डिमांड लगभग ठप पड़ती नजर आ रही है, जिसका सीधा असर घरेलू मंडियों और प्लांट खरीद भावों पर पड़ा है।
व्यापारिक हलकों का मानना है कि जब तक एक्सपोर्ट स्थिति स्पष्ट नहीं होती और औद्योगिक मांग में ठोस सुधार नहीं आता, तब तक मक्का बाजार पर दबाव बना रह सकता है। मौजूदा आवक और कमजोर लेवाली को देखते हुए आने वाले दिनों में भावों में 30 से 50 रुपये प्रति क्विंटल तक की और नरमी की संभावना से इनकार नहीं किया जा रहा है। फिलहाल बाजार में सतर्कता का माहौल है और सभी की नजरें मांग पक्ष से जुड़ी किसी सकारात्मक खबर पर टिकी हुई हैं।