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दाल मिशन: एमएसपी से आगे बढ़कर उत्पादकता और भूमि उपयोग पर सरकार का फोकस
केंद्र सरकार देश में दालों की खेती को लेकर अपनी रणनीति में बदलाव कर रही है। कृषि मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, सरकार अब केवल न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) और सरकारी खरीद पर निर्भर रहने के बजा........
• केंद्र सरकार दालों की खेती में अब केवल MSP और सरकारी खरीद पर निर्भर नहीं रहना चाहती। • नई नीति में उत्पादकता बढ़ाने, अवसर फसल और लक्षित भूमि उपयोग पर ज़ोर दिया जाएगा। • देश में दालों का रकबा 2021-22 के 3.07 करोड़ हेक्टेयर से घटकर 2024-25 में 2.77 करोड़ हेक्टेयर रह गया है। • इसी अवधि में दाल उत्पादन 2.73 करोड़ टन से घटकर 2.57 करोड़ टन पर आ गया। • इससे केवल खरीद-आधारित नीति की सीमाएं सामने आई हैं। • सरकार ने दाल मिशन को दीर्घकालिक और संरचनात्मक सुधार के रूप में तैयार किया है। • बेहतर बीज किस्मों, नई तकनीक और वैज्ञानिक कृषि पद्धतियों पर फोकस किया जाएगा। • MSP पर दालों की खरीद जारी रहेगी, लेकिन यही एकमात्र नीति उपकरण नहीं होगा। • धान कटाई के बाद खाली पड़ी 1.1–1.2 करोड़ हेक्टेयर भूमि (राइस फेलो) को दालों की खेती में लाने की योजना है। • पूर्वी और दक्षिणी भारत के कई राज्यों को दाल विस्तार के लिए प्राथमिक क्षेत्र बनाया गया है। • पानी की अधिक खपत वाली फसलों से दालों की ओर फसल विविधीकरण को बढ़ावा दिया जाएगा। • दाल मिशन का लक्ष्य 2030-31 तक दाल उत्पादन बढ़ाकर 3.5 करोड़ टन करना और आयात निर्भरता कम करना है।