शुक्रवार को CBOT पर सोया ऑयल वायदा कीमतों में गिरावट दर्ज की गई। दिसंबर कॉन्ट्रैक्ट 0.56 सेंट टूटकर 55.59 सेंट/पाउंड पर बंद हुआ। बीते सप्ताह की तेजी के बाद बाजार में मुनाफावसूली और क्रूड ऑयल में कमजोरी से दबाव बना। साथ ही वैश्विक स्तर पर वेजिटेबल ऑयल की भरपूर सप्लाई ने भी तेजी को सीमित रखा।
कमोडिटी फंड्स ने करीब 8,000 सोया ऑयल कॉन्ट्रैक्ट्स की बिकवाली की, जिससे बाजार में नकारात्मकता बढ़ी। उधर ICE कैनोला फ्यूचर्स मामूली बढ़त के साथ बंद हुए, लेकिन ऊंचे स्तरों से नीचे फिसल गए — नवंबर कॉन्ट्रैक्ट $700.30/टन पर बंद हुआ। कैनेडियन फसल के लिए बेहतर मौसम और CBOT की कमजोरी का असर यहां भी दिखा।
यूरोप में भी रेपसीड मार्केट कमजोर रहा और नवंबर कॉन्ट्रैक्ट 3.25 यूरो गिरकर 484.50 यूरो/टन पर बंद हुआ। वहीं, चीन के डालियान एक्सचेंज पर सोया ऑयल और पाम ऑयल दोनों में तेजी रही — मजबूत घरेलू मांग और ग्लोबल संकेतों से सपोर्ट मिला।
मलेशिया में CPO अक्टूबर वायदा 2.52% उछलकर 4,316 रिंगिट/टन पर बंद हुआ। ग्लोबल वेजिटेबल ऑयल मार्केट का सकारात्मक रुख और बीते दिनों CBOT में तेजी इसके पीछे प्रमुख कारण रहे।
क्रूड ऑयल की बात करें तो WTI अगस्त फ्यूचर्स 0.30% गिरकर $66.96/बैरल पर बंद हुए। कुर्दिस्तान से संभावित निर्यात बहाली और अमेरिकी डेटा ने शुरुआती तेजी के बाद दबाव बनाया।
क्या आगे भी दबाव बना रहेगा?
निकट भविष्य में सोया ऑयल की तेजी पर ब्रेक लग सकता है — क्रूड की अस्थिरता, ग्लोबल सप्लाई बढ़ना और मौसम का असर प्रमुख कारण हैं। हालांकि, 2026 से लागू होने वाले अमेरिकी बायोडीजल नीतियों के चलते दीर्घकालिक दृष्टिकोण अब भी मजबूत बना हुआ है।