भारतीय चीनी मिल संघ (ISMA) ने सरकार से एथेनॉल की कीमतों में तत्काल संशोधन करने की अपील की है, अन्यथा चीनी उद्योग को भारी संकट का सामना करना पड़ सकता है। एथेनॉल अब चीनी मिलों के लिए एक महत्वपूर्ण आय का स्रोत बन गया है, खासकर तब जब चीनी की कीमतें घट रही हैं। ISMA के अध्यक्ष प्रभाकर राव ने सरकार से चीनी उद्योग की स्थिरता सुनिश्चित करने और एथेनॉल-ब्लेंडिंग पहलों को बढ़ावा देने के लिए हस्तक्षेप की आवश्यकता पर जोर दिया है।
राव ने यह भी कहा कि महाराष्ट्र और कर्नाटका में चीनी मिलों के क्रशिंग सीज़न में देरी हो सकती है, जिसका असर चीनी की कीमतों पर पड़ रहा है। चीनी की कीमतें पिछले वर्ष ₹38 प्रति किलोग्राम से घटकर ₹35-35.5 प्रति किलोग्राम तक आ गई हैं, जबकि गन्ने की न्यूनतम समर्थन मूल्य में 6% की वृद्धि हुई है। इस वजह से चीनी मिलों पर अतिरिक्त वित्तीय दबाव बन रहा है।
सरकार से अब यह उम्मीद जताई जा रही है कि चीनी का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) बढ़ाने पर जल्द ही फैसला लिया जाएगा, जिससे मिलों की स्थिति में सुधार हो सके। ISMA ने इस मुद्दे पर शीघ्र समाधान की आवश्यकता पर जोर दिया है ताकि उद्योग में स्थिरता बनी रहे।