पिछले सप्ताह के उतार-चढ़ाव भरे कारोबार के बाद मलेशियाई केएलसी बाजार सपाट बंद हुआ। बीते दिनों में बाजार में यह अनुमान लगाया गया था कि KLCE 4000 तक जा सकता है, और इस हफ्ते उसने उस स्तर को छू भी लिया, लेकिन बाद में दबाव में आ गया।
1 से 20 मई के बीच मलेशिया में पाम तेल का उत्पादन 3.5% बढ़ा है, जबकि इसी अवधि में निर्यात में तेज़ी से 13.73% की छलांग देखने को मिली है। ये आंकड़े बताते हैं कि फंडामेंटल अभी भी मिश्रित हैं, जिससे केएलसी फिलहाल 3750 से 4000 के दायरे में ट्रेड करता रहेगा। हालांकि, बाजार में रिकवरी की संभावना अभी भी बनी हुई है और निकट भविष्य में KLCE फिर से 4000 के पार जा सकता है।
🇮🇳 भारत में पाम तेल: सपोर्ट बना लेकिन डिमांड कमजोर
भारतीय बाजारों में इस सप्ताह पाम तेल के भावों में मिलाजुला रुख रहा। कांडला में दाम 1 रुपये प्रति किलो की मजबूती के साथ बंद हुए, जबकि अन्य केंद्रों पर 1 से 1.5 रुपये प्रति किलो की गिरावट देखी गई। कांडला पाम वर्तमान में 1200 रुपये प्रति किलो के आसपास मजबूत सपोर्ट ले रहा है।
भारतीय बाजार में पाम और सोया तेल की कीमतों में तुल्यता बनी हुई है, जिससे डिमांड सुस्त बनी हुई है। कांडला पोर्ट पर इम्पोर्ट पैरिटी लगभग ₹4 प्रति किलो चल रही है, जो वहां सीमित आपूर्ति का संकेत दे रही है। यही ऊँची इम्पोर्ट पैरिटी आने वाले दिनों में आयातकों को पाम तेल आयात बढ़ाने के लिए प्रेरित कर सकती है।
टेक्निकल रूप से पाम तेल ₹1180 से ₹1240 के दायरे में बना रह सकता है। लॉन्ग टर्म निवेश की सोच रखने वाले व्यापारियों को करेक्शन के दौरान खरीदारी कर पोजिशन होल्ड करनी चाहिए।