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31 मार्च 2026 तक मटर आयात पर जीरो ड्यूटी!

भारत सरकार ने पीली मटर के आयात पर जीरो इम्पोर्ट ड्यूटी की समयसीमा बढ़ाकर 31 मार्च 2026 कर दी है। यह फैसला महंगाई काबू में रखने के लिए लिया गया है, लेकिन इससे मटर बाजार में दबाव गहराने के पूरे ....

Business 31 May
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भारत सरकार ने पीली मटर के आयात पर जीरो इम्पोर्ट ड्यूटी की समयसीमा बढ़ाकर 31 मार्च 2026 कर दी है। यह फैसला महंगाई काबू में रखने के लिए लिया गया है, लेकिन इससे मटर बाजार में दबाव गहराने के पूरे आसार हैं।

बाजार सूत्रों का कहना है कि इस वक्त देश में करीब 8–9 लाख टन मटर का स्टॉक पहले से मौजूद है — जिसमें 6 लाख टन पोर्ट्स पर और 2–3 लाख टन व्यापारियों के पास है। ऐसे में नई खेप की ज़रूरत अभी कम ही दिख रही है।

विदेशी मटर की कीमतें भी कमजोर:

  • कनाडा (जून-जुलाई): $440/टन (₹3950/क्विंटल)

  • रूस/यूक्रेन (जून-जुलाई): $380/टन (₹3450/क्विंटल)

  • नया फसल (सितंबर-अक्टूबर): $360/टन (₹3280/क्विंटल)

  • भारत में पोर्ट पर मौजूदा रेट: ₹3400–3600/क्विंटल

भारत में अभी आयात की कोई कमी नहीं, ऊपर से मानसून अच्छा रहने की संभावना। ऐसे में व्यापारी फिलहाल लंबा स्टॉक नहीं लेना चाह रहे। पुराने फॉरवर्ड सौदों में हुए नुकसान ने भी व्यापारियों को सतर्क कर दिया है।

रूस से सप्लाई और तेज़ होने के संकेत:
रूस में 2025-26 का मटर उत्पादन 50.10 लाख टन के रिकॉर्ड स्तर तक जा सकता है। निर्यात पर कोई बड़ा शुल्क नहीं है, इसलिए वहां के व्यापारी भारत जैसे बाजारों को आक्रामक कीमतों पर ऑफर कर सकते हैं।

निचोड़:
👉 आयात समयसीमा बढ़ना
👉 अंतरराष्ट्रीय भाव में नरमी
👉 घरेलू स्टॉक भरपूर
= मटर में अब तेजी की संभावना बेहद कम।

बाजार को अब कुछ समय के लिए सुस्त चाल से ही गुजरना पड़ सकता है।

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