सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SEA) के ताजा आंकड़ों के अनुसार, मई 2025 में भारत ने कुल 11.75 लाख टन खाद्य तेल का आयात किया, जो पिछले छह महीनों का सबसे ऊंचा आंकड़ा है। दिसंबर 2024 के बाद यह किसी एक महीने का सर्वाधिक आयात रहा। इससे पहले जनवरी 2025 में 10.08 लाख टन, फरवरी में 8.86 लाख टन, मार्च में 9.71 लाख टन और अप्रैल में 8.63 लाख टन खाद्य तेल आयात हुआ था।
नवम्बर 2024 से मई 2025 तक के सात महीनों में भारत का कुल खाद्य तेल आयात 76.77 लाख टन रहा, जो पिछले साल के समान अवधि के 85.68 लाख टन के मुकाबले काफ़ी कम है। इस अवधि में 8.19 लाख टन रिफाइंड और 68.58 लाख टन क्रूड खाद्य तेल देश में मंगाया गया।
मई 2025 में 80 हजार टन रिफाइंड तेल और 10.95 लाख टन क्रूड खाद्य तेल का आयात हुआ, जबकि अप्रैल में यह क्रमशः 76 हजार टन और 7.87 लाख टन रहा था। इस बढ़त का सबसे बड़ा योगदान पाम तेल के आयात में देखने को मिला, जो मई में 5.93 लाख टन पहुंच गया—यह पिछले छह महीनों का सबसे बड़ा आंकड़ा है। इसके अलावा सोयाबीन तेल का आयात 3.99 लाख टन और सूरजमुखी तेल का आयात 1.84 लाख टन रहा। अप्रैल में ये आंकड़े क्रमशः 3.22 लाख टन, 3.61 लाख टन और 1.80 लाख टन थे, जिससे स्पष्ट है कि तीनों प्रमुख खाद्य तेलों के आयात में मई के दौरान इज़ाफा हुआ है।
नवम्बर 2024 से मई 2025 के दौरान पाम तेल का कुल आयात 33.30 लाख टन रहा, जो पिछले साल इसी अवधि के 49.77 लाख टन से काफी कम है। सूरजमुखी तेल का आयात भी 19.98 लाख टन से घटकर 16.76 लाख टन पर आ गया। इसके उलट सोयाबीन तेल का आयात 15.93 लाख टन से बढ़कर 26.71 लाख टन हो गया। यानी कुल आयात में अब सॉफ्ट ऑयल (सोया और सूरजमुखी) की हिस्सेदारी पाम तेल से अधिक हो गई है।
यह बदलाव उपभोक्ता मांग, वैश्विक कीमतों और सप्लाई चेन से जुड़े कारकों के कारण आया है। पाम तेल के अधिकतर आयात इंडोनेशिया और मलेशिया से होते हैं, जबकि सोयाबीन और सूरजमुखी तेल का प्रमुख स्रोत ब्राज़ील, अर्जेंटीना, रूस और यूक्रेन हैं। बाजार विश्लेषकों के अनुसार यदि यह ट्रेंड बना रहा, तो आगे भी सॉफ्ट ऑयल की हिस्सेदारी बढ़ती रह सकती है।