देशभर की प्रमुख मंडियों, विशेष रूप से मध्य प्रदेश और राजस्थान में, सरसों के बाजार में स्थिरता और मजबूती का रुख बना हुआ है। सीमित आवक और ऑयल मिलों की बढ़ती खरीदारी के चलते सरसों के भाव में हाल के दिनों में ₹200 प्रति क्विंटल तक की तेजी देखी गई है।
राजस्थान की प्रमुख मंडियों जैसे नीमकाथाना, टोंक, कोटा और सवाई माधोपुर में नई सरसों की दैनिक आवक लगभग 6.75 लाख बोरी रह गई है, जो पहले 10 लाख बोरियों तक थी। वर्तमान में जयपुर में 42% कंडीशन सरसों के भाव ₹6300-₹6325 प्रति क्विंटल, और अलवर में ₹6000 प्रति क्विंटल पर दर्ज किए गए।
इस बीच, चंडीगढ़ और कोलकाता में कच्ची घानी सरसों तेल के भाव में भी मजबूती देखी गई है। जयपुर रीच में सरसों तेल का दाम ₹128/129 प्रति 10 किलो (प्लस जीएसटी) चल रहा है, जबकि कोलकाता में यह ₹1370 तक पहुँच गया है।
वैश्विक बाजार का प्रभाव:
मलेशिया के पाम ऑयल फ्यूचर्स और शिकागो सोया ऑयल वायदा में मजबूती के चलते घरेलू बाजार में भी तेल कीमतों को सहारा मिल रहा है। मलेशिया से पाम तेल का निर्यात अप्रैल में 14.75% बढ़ा है, जिससे सप्लाई को लेकर चिंता थोड़ी कम हुई है।
आगे का परिदृश्य:
विशेषज्ञों के अनुसार, अब मंडियों में सरसों की नई आवक धीरे-धीरे घटेगी और उपभोग बढ़ने के चलते भाव स्थिर या मजबूत बने रह सकते हैं। सरसों का उत्पादन इस वर्ष 111.25 लाख टन रहने का अनुमान है, जो पिछले वर्ष से कम है। ऐसे में निकट भविष्य में सरसों के दाम में बड़ी गिरावट की संभावना नहीं है और बाजार सीमित दायरे में मजबूती के साथ बना रह सकता है।