अप्रैल 2025 में भारत का पीली मटर आयात तेजी से घटकर सिर्फ 29,308 टन रह गया, जो दिसंबर 2023 के बाद का सबसे निचला स्तर है। इसकी दो बड़ी वजहें हैं — एक, पहले से बड़ी मात्रा में आयातित मटर का स्टॉक मंडियों में मौजूद है, और दूसरा, घरेलू फसल की आवक मार्च-अप्रैल से शुरू हो चुकी है।
दिसंबर 2023 में जब सरकार ने पीली मटर के ड्यूटी-फ्री आयात की अनुमति दी थी, तब से इसके आयात में जबरदस्त तेजी आई थी। दिसंबर में केवल 10,980 टन मटर आया था, लेकिन जनवरी 2024 में यह बढ़कर 1.57 लाख टन, फरवरी में 3.29 लाख टन और मार्च में 6.70 लाख टन तक पहुंच गया। सिर्फ चार महीनों में ही कुल 11.69 लाख टन मटर आयात हो गया।
इसके बाद 2024-25 में अप्रैल से मार्च के बीच देश ने कुल 21.45 लाख टन पीली मटर का आयात किया। अप्रैल 2024 में 4.02 लाख टन का आयात हुआ था, जबकि अप्रैल 2025 में यह घटकर सिर्फ 29,308 टन रह गया — यानी 3.73 लाख टन की भारी गिरावट। मार्च 2025 में यह आंकड़ा 38,149 टन था, जिससे यह और भी कम हो गया है।
जनवरी और फरवरी 2025 में आयात क्रमशः 1.79 लाख टन और 1.46 लाख टन रहा। लेकिन अप्रैल में इसमें बड़ी गिरावट आई है।
भारत में पीली मटर का आयात मुख्य रूप से कनाडा और रूस से हो रहा है, हालांकि कुछ अन्य देशों से भी थोड़ी मात्रा में मटर आ रही है।
दिसंबर 2023 से अप्रैल 2025 तक भारत ने कुल 33.44 लाख टन पीली मटर का आयात किया है। मई में भी कुछ मात्रा में मटर आने की संभावना है, जिससे कुल आयात 33.50 लाख टन से ऊपर पहुंच सकता है।
सरकार द्वारा मटर के शुल्क-मुक्त आयात की आखिरी तारीख 31 मई 2025 तय की गई है। अगर यह नीति आगे बढ़ती है और कोई नया शुल्क नहीं लगता, तो मटर का आयात भविष्य में भी जारी रह सकता है।