गेहूं वायदा कीमतों में उछाल दर्ज करते हुए यह ₹457 प्रति बुशल (लगभग ₹16.78 प्रति किलोग्राम) के करीब पहुंच गई, जो दो सप्ताह का उच्चतम स्तर है। यह बढ़ोतरी रूस की खराब होती सर्दियों की गेहूं की स्थिति और यूक्रेन के गेहूं निर्यात में संभावित बाधाओं के कारण हुई है।
विश्लेषकों के अनुसार, रूस की 37% सर्दियों की फसलें खराब स्थिति में हैं, जो पिछले साल केवल 4% थीं। यह अब तक का सबसे खराब आकलन है। इन फसलों को वसंत में दोबारा बोने की आवश्यकता हो सकती है, जिससे अगले वर्ष की फसल को लेकर अनिश्चितता बढ़ गई है।
यूक्रेन के निर्यात में 2024-25 के लिए 14% की गिरावट का अनुमान है, क्योंकि वहां की शिपिंग क्षमता भी संकट में है। हालांकि, अर्जेंटीना में गेहूं उत्पादन उम्मीद से बेहतर हो सकता है, क्योंकि किसान बेहतर उपज की रिपोर्ट कर रहे हैं। इससे वैश्विक कीमतों में तेजी पर कुछ हद तक अंकुश लग सकता है।