हैम्बर्ग, 8 सितंबर (रॉयटर्स) – शिकागो अनाज बाज़ार में सोमवार को मक्का (Corn) के भावों में गिरावट देखने को मिली क्योंकि व्यापारी इस सप्ताह आने वाली अमेरिकी कृषि विभाग (USDA) की फसल रिपोर्ट का इंतज़ार कर रहे हैं। अनुमान है कि अमेरिका में मक्का का उत्पादन रिकॉर्ड स्तर पर रह सकता है।
कमज़ोर अमेरिकी डॉलर ने अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में गेहूं और सोयाबीन को सहारा दिया क्योंकि डॉलर कमजोर होने से अमेरिकी अनाज की खरीदारी अन्य देशों के लिए सस्ती हो जाती है। शिकागो बोर्ड ऑफ ट्रेड पर मक्का वायदा 0.4% घटकर 4.16 डॉलर प्रति बुशल पर पहुंचा, जबकि गेहूं 0.1% बढ़कर 5.20 डॉलर और सोयाबीन 0.1% बढ़कर 10.28 डॉलर प्रति बुशल पर कारोबार कर रहा था।
विशेषज्ञों के मुताबिक, मक्का पर दबाव बना हुआ है क्योंकि USDA की रिपोर्ट में बड़े उत्पादन की पुष्टि होने की संभावना है। हालांकि अगस्त महीने की सूखे की स्थिति के कारण उत्पादन पहले के अनुमान से कुछ कम भी हो सकता है, लेकिन कुल मिलाकर यह रिकॉर्ड स्तर पर ही रहेगा, जो मक्का के लिए नकारात्मक संकेत है।
सोयाबीन को इस उम्मीद से सहारा मिला है कि USDA फसल उपज को लेकर पहले जितना आशावादी नहीं रहेगा। लेकिन दूसरी तरफ चीन की ओर से अमेरिकी सोयाबीन की खरीदारी का अभाव अब भी बाज़ार के लिए बड़ी चिंता है। अमेरिका-चीन व्यापार वार्ताओं में कोई ठोस प्रगति नहीं हुई है और विशेषज्ञों का मानना है कि मौजूदा सीज़न में चीन द्वारा अमेरिकी सोयाबीन की खरीदारी की संभावना कम होती जा रही है।
वहीं गेहूं के भाव डॉलर की नरमी से थोड़े मज़बूत दिखे, लेकिन बाज़ार में अभी भी नकारात्मक माहौल है क्योंकि वैश्विक स्तर पर आपूर्ति पर्याप्त है। काला सागर क्षेत्र (Black Sea) से विशेषकर रूस का गेहूं कैश बाज़ार में हल्की गिरावट पर है, लेकिन किसान मौजूदा दामों से संतुष्ट नहीं हैं।
भारत पर असर:
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मक्का की कीमतों में गिरावट और सोयाबीन-गेहूं की हल्की मजबूती भारतीय बाज़ारों पर भी असर डाल सकती है। यदि अमेरिका में रिकॉर्ड मक्का उत्पादन होता है तो भारत में भी मक्का के निर्यात की संभावना घट सकती है और घरेलू भाव दबाव में आ सकते हैं। वहीं सोयाबीन और गेहूं में अंतरराष्ट्रीय कीमतों का सहारा भारतीय किसानों को थोड़ी राहत दे सकता है, खासकर तब जब घरेलू मंडियों में नई फसल की आवक शुरू होने वाली है।