सरकार ने 2024-25 फसल वर्ष के लिए खाद्यान्न उत्पादन का अनुमान बढ़ाकर रिकॉर्ड 353.95 मिलियन टन कर दिया है। इसमें अकेले गेहूं का उत्पादन 117.50 मिलियन टन रहने का अनुमान है। इस बढ़ोतरी की वजह देशभर में प्रमुख फसलों की बंपर पैदावार को बताया गया है।
नए अनुमानों के अनुसार, गेहूं, धान, मक्का और कई तिलहनों के उत्पादन में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है। कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि देश में धान, गेहूं, मक्का, मूंगफली और सोयाबीन जैसी फसलों के उत्पादन में "रिकॉर्ड वृद्धि" दर्ज की गई है।
उन्होंने बताया, "कुल खाद्यान्न उत्पादन लगातार बढ़ रहा है… दालों और तिलहनों का उत्पादन और बढ़ाना होगा, जिसके लिए प्रयास जारी हैं।" मंत्री ने खरीफ सीजन में बुवाई क्षेत्र और प्रमुख फसलों की उपज में उल्लेखनीय वृद्धि की बात कही, जिनमें धान, मक्का, बाजरा, मूंग, सोयाबीन और गन्ना शामिल हैं।
तीसरे अग्रिम अनुमान के मुताबिक:
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गेहूं उत्पादन 117.50 मिलियन टन रहने का अनुमान है, जो पहले के 115.3 मिलियन टन अनुमान से अधिक है। पिछले साल यह 113.3 मिलियन टन था।
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धान उत्पादन 149.07 मिलियन टन रहने का अनुमान है, जबकि 2023-24 में यह 137.82 मिलियन टन था।
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मक्का का उत्पादन 42.28 मिलियन टन अनुमानित है।
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मोटे अनाज (coarse cereals) का उत्पादन 6.21 मिलियन टन रहने का अनुमान है।
दालों का कुल उत्पादन 25.23 मिलियन टन रहने का अनुमान है, जो पिछले साल के 24.24 मिलियन टन से अधिक है। इनमें:
तिलहनों का कुल उत्पादन 42.60 मिलियन टन अनुमानित है, जो पिछले साल के 39.66 मिलियन टन से अधिक है।
नकदी फसलों में:
मंत्री चौहान ने बताया कि इस मजबूत प्रदर्शन का श्रेय सरकार की नीतियों को जाता है, जिनमें उचित मूल्य निर्धारण, क्षति मुआवजा, सस्ती दरों पर ऋण, और विभिन्न कृषि योजनाएं शामिल हैं। इनसे देश की खाद्य सुरक्षा को मजबूती मिली है।