कृषि निर्यात, किसानों और MSMEs के लिए बड़ी राहत; 99% निर्यात पर शून्य शुल्क सुविधा
भारत और यूनाइटेड किंगडम ने आज ऐतिहासिक Comprehensive Economic and Trade Agreement (CETA) पर हस्ताक्षर किए, जो दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश संबंधों को एक नई दिशा देगा। यह समझौता प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री सर कीर स्टारमर की उपस्थिति में, केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल और ब्रिटेन के व्यापार सचिव श्री जोनाथन रेनॉल्ड्स द्वारा संपन्न हुआ।
यह समझौता वैश्विक मंच पर भारत की बढ़ती आर्थिक भागीदारी को दर्शाता है, विशेष रूप से कृषि और कृषि-आधारित उत्पादों के निर्यात को लेकर यह करार महत्वपूर्ण साबित होगा।
🔷 कृषि उत्पादों को 99% टैरिफ लाइनों पर शून्य शुल्क
CETA के तहत भारत के लगभग 99% कृषि और कृषि-प्रसंस्कृत उत्पादों को यूके में ड्यूटी-फ्री एक्सेस मिलेगा। यह छूट विशेष रूप से निम्नलिखित उत्पादों पर लागू होगी:
दालें, चावल, गेहूं, मसाले, जैविक उत्पाद, फल-सब्ज़ियां, सूखे मेवे, चाय-कॉफी, समुद्री उत्पाद, शहद और अन्य खाद्य प्रसंस्कृत उत्पाद।
यह सुविधा भारतीय किसानों, निर्यातकों और कृषि-उद्यमों को वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धी बढ़त प्रदान करेगी।
🔷 MSMEs, स्टार्टअप्स और किसान संगठनों के लिए अवसर
इस समझौते में कृषि-आधारित MSMEs, किसान उत्पादक संगठन (FPOs), महिला उद्यमी और स्टार्टअप्स को निर्यात की दिशा में प्रोत्साहन मिलेगा। वैश्विक वैल्यू चेन में भागीदारी, तकनीकी सहयोग और गुणवत्ता मानकों में सुधार जैसे क्षेत्रों में यह समझौता सहायक होगा।
🔷 सेवाओं और पेशेवरों के लिए विस्तृत अवसर
भारतीय पेशेवरों को यूके में काम करने के लिए अब और अधिक सरलीकृत वीज़ा प्रक्रियाएं और लिबरल वर्क कैटेगरीज प्राप्त होंगी। इसमें शामिल हैं:
कृषि सलाहकार, फूड प्रोसेसिंग एक्सपर्ट्स, ऑर्गेनिक सर्टिफिकेशन कंसल्टेंट्स, एग्री टेक्नोलॉजिस्ट्स, योग प्रशिक्षक, शेफ, इंजीनियर और अन्य पेशेवर।
यह भारतीय सेवाक्षेत्र के लिए वैश्विक अवसरों के द्वार खोलेगा।
🔷 डबल कंट्रीब्यूशन कन्वेंशन (DCC): लागत में कमी, लाभ में वृद्धि
CETA के अंतर्गत हुआ Double Contribution Convention (DCC) एक बड़ा लाभप्रद प्रावधान है। इसके तहत:
यूके में कार्यरत भारतीय पेशेवर और उनके नियोक्ता तीन वर्षों तक सामाजिक सुरक्षा में योगदान से मुक्त रहेंगे।
इससे भारतीय कंपनियों की प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ेगी और कामगारों का नेट इनकम अधिक होगा।
🔷 ‘मेक इन इंडिया’ और ‘वोकल फॉर लोकल’ को बल
केंद्रीय मंत्री श्री पीयूष गोयल ने कहा:
“यह समझौता भारत और ब्रिटेन के बीच व्यापारिक संबंधों को नई ऊंचाई देगा। यह न केवल हमारे श्रम-प्रधान और कृषि-आधारित क्षेत्रों को वैश्विक बाजार से जोड़ेगा, बल्कि 'मेक इन इंडिया' को भी मजबूती देगा। यह MSMEs, किसानों, नवाचारकर्ताओं और स्टार्टअप्स के लिए व्यापक अवसर पैदा करेगा।”
निष्कर्ष:
भारत-यूके CETA एक परिवर्तनकारी कदम है जो भारतीय कृषि, खाद्य प्रसंस्करण, निर्यात, और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में सशक्त बनाएगा। यह समझौता न केवल द्विपक्षीय व्यापार को 2030 तक दोगुना करने के लक्ष्य को साकार करेगा, बल्कि किसानों और कृषि उद्योग के लिए रोजगार, आय और नवाचार के नए मार्ग भी प्रशस्त करेगा।