केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 के लिए उत्तर प्रदेश और गुजरात में दलहनों और तिलहनों की कुल ₹13,890.60 करोड़ की खरीद को मंजूरी दी है। इस कदम का उद्देश्य किसानों को बेहतर दाम दिलाना और दालों की कीमतों में संभावित गिरावट से उन्हें सुरक्षा प्रदान करना है।
100% खरीद की स्वीकृति
चौहान ने किसानों से उड़द और तूर की 100% खरीद की स्वीकृति दी है। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश में मूंग, तिल और मूंगफली की तथा गुजरात में सोयाबीन, मूंग और मूंगफली की खरीद की भी मंजूरी दी गई है।
उत्तर प्रदेश में खरीद
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उड़द – 2.27 लाख टन, मूल्य ₹1,777.30 करोड़
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तूर – 1.14 लाख टन, मूल्य ₹910.24 करोड़
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मूंग – 1,983 टन, मूल्य ₹17.38 करोड़
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तिल – 30,410 टन, मूल्य ₹299.42 करोड़
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मूंगफली – 99,438 टन, मूल्य ₹722.22 करोड़
गुजरात में खरीद
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उड़द – 47,780 टन, मूल्य ₹372.68 करोड़
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सोयाबीन – 1.10 लाख टन, मूल्य ₹585.57 करोड़
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मूंगफली – 12.6 लाख टन, मूल्य ₹9,167.08 करोड़
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मूंग – 4,415 टन, मूल्य ₹38.71 करोड़
बुवाई क्षेत्र
खरीफ 2025-26 में दलहनों का कुल रकबा 0.75% बढ़ा है, जिसका मुख्य कारण अनुकूल मानसून और उत्पादन बढ़ाने पर सरकार का फोकस है।
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उड़द – 6.6% वृद्धि, 24 लाख हेक्टेयर
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तूर – 0.50% कमी, 46 लाख हेक्टेयर
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मूंग – 0.50% कमी, 34.8 लाख हेक्टेयर
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अन्य दालें – 2.1% वृद्धि, 4.46 लाख हेक्टेयर
तेलहन फसलों में मूंगफली का रकबा 0.74% बढ़कर 48.1 लाख हेक्टेयर हो गया है, जबकि सोयाबीन का क्षेत्र घटकर 120 लाख हेक्टेयर रह गया है, जो पिछले वर्ष के मुकाबले 4.6% कम है।
डिजिटल और पारदर्शी खरीद व्यवस्था
वर्चुअल बैठक में उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही और गुजरात के कृषि मंत्री राघवजी पटेल भी शामिल हुए। चौहान ने कहा कि खरीद प्रक्रिया पारदर्शी, डिजिटल और सुचारु होनी चाहिए। दोनों राज्यों ने आश्वासन दिया कि खरीद पूरी तरह डिजिटल पोर्टलों के माध्यम से बायोमेट्रिक और पॉइंट-ऑफ-सेल मशीनों से होगी। उत्तर प्रदेश में 350 और गुजरात में 400 मशीनें लगाई जाएंगी।
इसके लिए नाफेड (NAFED) और एनसीसीएफ (NCCF) को पत्र भेजे गए हैं ताकि किसानों का पूर्व पंजीकरण सुनिश्चित हो सके। खरीद पूरी तरह ई-समृद्धि और ई-समयुक्ति पोर्टलों के जरिए की जाएगी, जिससे किसानों को सीधा भुगतान उनके बैंक खातों में किया जाएगा।