भारत सरकार ने गेहूं बाजार को लेकर बड़ा बयान दिया है। खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने गुरुवार को स्पष्ट किया कि ओपन मार्केट सेल स्कीम (OMSS) के तहत अभी सरकारी भंडार से गेहूं बेचने की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि देश में आपूर्ति पर्याप्त है, कीमतें स्थिर हैं, और सरकारी खरीद भी उम्मीद से बेहतर रही है। ऐसे में सरकार बाजार में दखल देने की स्थिति में नहीं है, जिससे व्यापारी और उपभोक्ता दोनों के लिए यह राहत भरी खबर है।
इसी बीच देश की प्रमुख मंडियों में गेहूं के ताजा भाव सामान्य से मजबूत रुख के साथ देखने को मिले।
उत्तर प्रदेश की बात करें तो बिल्सी मंडी में गेहूं ₹2520 प्रति क्विंटल पर बिका, जबकि बहजोई में भाव ₹2580 रहा, जहां 500 क्विंटल की आवक रही। हरियाणा के चरखी दादरी में ₹2610 प्रति क्विंटल का भाव रहा।
मध्यप्रदेश की धार मंडी में मिल क्वालिटी गेहूं ₹2525 से ₹2700, मालवराज ₹2500–2660, लोकवन मिल ₹2725–3000 और पूर्णा किस्म ₹2700–2850 के बीच रही। इंदौर (छावनी) में मिल क्वालिटी ₹2550–2750, मालवराज ₹2600–2700, लोकवान ₹2700–2950 और पूर्णा गेहूं ₹2950–3250 तक बिका।
गुजरात के राजकोट में गेहूं ₹2500 से ₹3000 के दायरे में रहा, जबकि दाहोद में मिल क्वालिटी गेहूं ₹2775 (+14) तक पहुंचा।
राजस्थान के उदयपुर में गेहूं ₹2750 पर रहा जिसमें 1.5% डिस्काउंट के साथ +10 का अंतर देखा गया।
महाराष्ट्र के जलगांव में 3.5% डिस्काउंट के साथ ₹2800 का भाव रहा और कोयंबटूर में गेहूं का नेट रेट ₹2980 तक दर्ज किया गया।
दिल्ली मंडी में नई फसल का मिल क्वालिटी गेहूं ₹2790 प्रति क्विंटल तक पहुंच गया, जो बाजार में स्थिर मांग का संकेत देता है।
निष्कर्ष:
सरकारी बयान और मंडियों से आए ताजे भाव इस बात की पुष्टि करते हैं कि गेहूं बाजार में फिलहाल किसी बड़े उतार-चढ़ाव की संभावना नहीं है। आपूर्ति मजबूत है, भाव संतुलित हैं और खरीदारों की हिस्सेदारी बनी हुई है। व्यापारी वर्ग के लिए यह समय सौदेबाज़ी के लिहाज से सुरक्षित माना जा सकता है।