देश में रबी फसलों की दो-तिहाई से अधिक बुवाई पूरी हो चुकी है। कृषि मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, 9 दिसंबर तक रबी फसलों का कुल रकबा पिछले वर्ष की तुलना में 1.50% अधिक हो गया है। इस बढ़ोतरी में मुख्य योगदान गेहूं और चने का रहा है, जिनकी कीमतें पिछले साल मजबूत बनी रहीं।
चना की बुवाई में 7.14% की वृद्धि दर्ज की गई है, जो इस वर्ष रबी सीजन की सबसे बड़ी बढ़त है। हालांकि, मौजूदा बुवाई अवधि के दौरान चने की कीमतें न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से नीचे आ गई हैं।
गेहूं का रकबा भी पिछले साल की तुलना में 2.28% अधिक है। अब तक 76% गेहूं की बुवाई पूरी हो चुकी है, जो 239.49 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में हो रही है। सामान्य गेहूं बुवाई का रकबा 322.35 लाख हेक्टेयर है।
वहीं, तिलहन फसलों की बुवाई में 4.34% की गिरावट आई है। सरसों का रकबा 81.07 लाख हेक्टेयर पर सिमट गया है, जबकि पिछले साल इसी समय तक 84.70 लाख हेक्टेयर में सरसों बोई गई थी। सरसों और सोयाबीन जैसी फसलों की कीमतें दबाव में रही हैं और कई बार MSP से नीचे भी कारोबार कर चुकी हैं।
अमोट्रेड इनसाइट:
अगर आप चना और गेहूं में व्यापार की योजना बना रहे हैं तो यह एक अच्छा समय हो सकता है, क्योंकि इनका रकबा और उत्पादन बढ़ने की संभावना है। तिलहनों में कमजोरी को देखते हुए व्यापारियों और किसानों को बाजार भाव पर नजर रखनी चाहिए। अमोट्रेड पर ताजा कृषि समाचार और दरों के लिए जुड़े रहें।