देशभर की प्रमुख मंडियों में गेहूं की कीमतों में लगातार 10 से 20 रुपये प्रतिदिन की बढ़ोतरी देखी जा रही है। इस तेजी के पीछे कई अहम कारण हैं। सबसे बड़ा कारण है सरकार की ओपन मार्केट सेल स्कीम (OMSS) का सीमित प्रभाव। स्कीम के तहत बाजार में अपेक्षित मात्रा में गेहूं नहीं पहुंच पा रहा है, जिससे मांग बनी हुई है। इसके साथ ही चोकर और आटे के निर्यात की संभावना बनने लगी है, जिससे बाजार में तेजी का माहौल है।
मंडियों में आने वाला गेहूं इस बार गुणवत्ता की दृष्टि से कमजोर है, जिससे अच्छे माल की मांग बढ़ गई है। वहीं दूसरी ओर, भारतीय खाद्य निगम (FCI) की खरीद दर ₹2810 है और मंडियों में लगभग 70% गेहूं का व्यापार ₹2700 के आसपास हो रहा है। इससे बाजार को नीचे सपोर्ट मिल रहा है।
इसके अलावा, पशु आहार के लिए इस्तेमाल होने वाले DDGS और मक्के की कीमतों में वृद्धि हुई है, जिससे आटा और ब्रेड की लागत बढ़ रही है। यह भी एक बड़ा कारण है कि मिलर्स स्टॉक बढ़ा रहे हैं।
शाहजहांपुर, जयपुर, गंगानगर, सीतापुर, और अजमेर जैसी मंडियों में वर्तमान में भाव ₹2570 से ₹2750 तक चल रहे हैं। वहीं, सरकार द्वारा हाल ही में घोषित स्टॉक लिमिट की नीति का असर यह रहा है कि कुछ मंडियों में भाव ₹2850 तक पहुंच गए हैं और बाजार विशेषज्ञों को लगता है कि निकट भविष्य में ये ₹3000 तक भी जा सकते हैं।
निष्कर्षतः, यदि सरकार की नीति हस्तक्षेप सीमित रहा और मौजूदा हालात ऐसे ही बने रहे, तो व्यापारियों और स्टॉकिस्टों के बीच तेजी की उम्मीद मजबूत बनी रहेगी। अगले 10 से 15 दिन इस दिशा में निर्णायक होंगे और बाजार ₹100–150 प्रति क्विंटल की और उछाल ले सकता है।