देशी चना बाजार में एक बार फिर तेजी की संभावना बनती दिख रही है। प्रमुख मंडियों में स्टॉक की कमी, बढ़ती डिमांड और सरकारी खरीद के प्रभाव से देशी चने के भाव में मजबूती दर्ज की जा रही है। बीते कुछ दिनों में दाल मिलों की बढ़ी हुई खरीदारी के चलते मंडियों में चने की मांग बढ़ गई है, जबकि किसानों की बिक्री घटती जा रही है।
विशेषज्ञों के अनुसार अगर यही ट्रेंड जारी रहा तो चना आने वाले समय में ₹6500 प्रति क्विंटल के स्तर को छू सकता है। दिल्ली की मंडी में चना का भाव वर्तमान में ₹6250/क्विंटल चल रहा है, जो बीते हफ्तों की तुलना में करीब ₹200 की बढ़ोतरी दर्शा रहा है। बाजार सूत्रों के अनुसार मिलों की सक्रियता और बायर्स की नई डिमांड का दौर शुरू हो चुका है।
मंडी भाव की स्थिति (15 जुलाई 2025):
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दिल्ली मंडी: ₹6250/क्विंटल
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इंदौर मंडी: ₹6100–₹6300/क्विंटल
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महाराष्ट्र: ₹6000–₹6250/क्विंटल
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राजस्थान: ₹6050–₹6350/क्विंटल
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गुजरात (दाल मिल डिलीवरी): ₹6450/क्विंटल
एनसीडेक्स पर भी चना वायदा तेजी के संकेत दे रहा है। अगस्त वायदा ₹6150 के आसपास ट्रेड कर रहा है, जबकि सितंबर वायदा ₹6280 तक पहुंच गया है। यह दर्शाता है कि ट्रेडर्स भविष्य में भाव बढ़ने की संभावनाओं को लेकर आश्वस्त हैं।
मांग और आपूर्ति में असंतुलन प्रमुख कारण
देशी चना की उपज इस बार अपेक्षा से कम रही है। दूसरी ओर, पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम और संस्थागत खरीदारों द्वारा भारी मात्रा में खरीदी की जा रही है। अनुमान है कि 3 लाख टन से अधिक का स्टॉक पहले ही सरकार द्वारा खरीदा जा चुका है।
विश्लेषकों का मानना है कि यदि चने की आवक और घटती रही और खरीदार सक्रिय बने रहे तो बाजार में आने वाले दिनों में ₹200–₹300 प्रति क्विंटल की और तेजी देखी जा सकती है।