इस साल मूंगफली और मूंगफली दाने की कीमतें उम्मीद से ज्यादा घट गई हैं और वर्तमान में भाव बॉटम के आसपास पहुंच गए हैं। मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में इस साल मूंगफली की 15 लाख टन फसल हुई है, वहीं गुजरात में यह आंकड़ा 40 लाख टन है, जिससे कुल देशभर में मूंगफली का उत्पादन 80 लाख टन तक पहुंच गया है। गुजरात में भी बाजार में गिरावट आई है, क्योंकि उत्तर प्रदेश के कारोबारी हर कीमत पर गुजरात को मूंगफली बेच रहे हैं। इसके अलावा, पिछले साल के गोदाम में रखे स्टॉक की भी बिक्री में कमी आई है, और व्यापारी किसी भी कीमत पर मूंगफली बेचने को मजबूर हैं।
हालात यह हैं कि यूपी में मूंगफली दाना (80-90 काउंट) का भाव फिलहाल 7000 रुपये प्रति क्विंटल है। वैश्विक बाजार में सूडान के मूंगफली दाने का मूल्य 975 डॉलर प्रति टन है, जबकि भारत का मूंगफली दाना 875 डॉलर प्रति टन पर बिक रहा है। हालांकि, भारत का मूंगफली दाना हमेशा सूडान से 100 डॉलर प्रति टन अधिक रहता है, लेकिन सूडान में चल रहे राजनैतिक अशांति और गृह युद्ध के कारण वहां से शिपमेंट में असमंजस है।
गुजरात सरकार के अनुसार, इस वर्ष मूंगफली की फसल 58 लाख टन है। हालांकि, इतनी बड़ी फसल का निपटान करना एक बड़ी चुनौती बन सकता है। आमतौर पर मूंगफली दाने का निर्यात 7-8 लाख टन होता है, लेकिन इस साल फसल के अधिक होने से निर्यात 10 लाख टन तक हो सकता है। बावजूद इसके, इस बड़ी फसल को लेकर चिंताएं बनी हुई हैं।
चीन और वियतनाम की मूंगफली दाने की कोई मांग नहीं है, और चीन का बाजार भारत के बाजारों से ज्यादा गिर रहा है। मूंगफली तेल की कीमत 1500 डॉलर प्रति टन तक घट गई है, लेकिन इस कीमत पर भी मांग में कोई खास सुधार नहीं हुआ है। खाड़ी देशों में चल रहे युद्ध और आर्थिक मंदी के कारण मूंगफली दाने की मांग घट गई है, खासकर बर्ड फीड के चारे के लिए। मूंगफली खली की मांग भी उतनी नहीं है जितनी होनी चाहिए थी, जबकि DDGS (मक्के का भुंसा) और सोया खली (DOC) की बिक्री ज्यादा हो रही है, क्योंकि इनकी कीमत 15-16 रुपये प्रति किलो है।
निष्कर्ष के तौर पर, हालांकि मूंगफली दाना में सर्दियों और रमजान के दौरान कुछ हल्की बढ़त देखने को मिल सकती है, लेकिन लंबी अवधि में कीमतों में ज्यादा वृद्धि की संभावना नहीं है। पूरे साल मूंगफली, मूंगफली दाना और मूंगफली तेल की सप्लाई सुगम बनी रहने की उम्मीद है, जिससे इनकी कीमतों में स्थिरता रहेगी।