दिल्ली चना इस सप्ताह ₹300 बढ़कर ₹6200 के अहम रेजिस्टेंस पर बंद हुआ। दिन में कुछ समय के लिए ₹6225 तक के भाव भी बोले गए, लेकिन ऊपरी स्तरों पर ग्राहकी कमजोर रही, जिससे यह स्तर टिक नहीं पाया। इस तेजी के पीछे दो मुख्य कारण रहे:
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महाराष्ट्र और दक्षिण भारत से निरंतर मांग
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सीमित बिकवाली
अब बाजार की नजर ₹6200 के ऊपर मजबूत बंद पर है, ताकि अगला लक्ष्य ₹6400-₹6600 की रेंज में तय हो सके। वहीं नीचे ₹6000 अब मजबूत सपोर्ट बन चुका है, जिससे चना की कीमतें अचानक गिरने की संभावना फिलहाल कम दिखती है।
फिलहाल, फुटाना वर्ग की मांग प्रमुख रही है, जबकि चना दाल और बेसन की बिक्री आवश्यकतानुसार ही हो रही है। मिलर्स की खरीदी भी सीमित ही रही है। हालांकि, आने वाले त्योहारी सीजन में चना दाल और बेसन की खपत में उछाल की उम्मीद बनी हुई है।
मंडी में मिल क्वालिटी चना ₹5800 से ₹6000 की रेंज में बिक रहा है, जबकि अक्टूबर–नवंबर डिलीवरी वाला ऑस्ट्रेलिया चना (FOB $620/टन) पड़तल ₹6000–₹6050 के बीच बैठता है, यानी वर्तमान में पड़तल का कोई लाभ नहीं बनता।
अनुमान है कि यदि ₹6200 के ऊपर अच्छी ग्राहकी के साथ बंद होने में बाजार सफल होता है, तो चना ₹6400 से ₹6600 तक की एक और तेजी दिखा सकता है। लेकिन हर रेजिस्टेंस स्तर पर थोड़ा मुनाफा सुरक्षित करना समझदारी होगी।