देश के दलहन बाजार में इन दिनों नई फसल की आवक और कमजोर ग्राहकी का असर दिख रहा है। मूंग, उड़द और मसूर में अलग-अलग परिस्थितियों के चलते बाजार का रुख मिश्रित बना हुआ है।
महाराष्ट्र और राजस्थान की मंडियों में मूंग की नई फसल तेजी से आ रही है, जिससे कीमतों पर दबाव बना है। क्वालिटी के आधार पर मूंग के भाव 7500 से 8500 रुपए प्रति क्विंटल के बीच हैं। दूसरी तरफ, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार और झारखंड से मूंग की आवक अब बंद हो चुकी है, और केवल पुराने स्टॉक का कारोबार हो रहा है। दाल मिलों की ओर से समर्थन कमजोर होने के कारण तेजी की संभावना नहीं दिख रही है। मौजूदा स्थिति में मूंग में बिकवाली की सलाह दी जा रही है।
उड़द बाजार में भी नई फसल की दहशत और ग्राहकी की भारी कमी के कारण दबाव बना हुआ है। सहारनपुर और गंगोह की फसल लगभग पूरी कट चुकी है, लेकिन कमजोर मांग के चलते रंगूनी छोटे माल की कीमतों में गिरावट आई है। मोटे उड़द की कीमत 84 रुपए प्रति किलो और छोटे माल की 79 रुपए प्रति किलो है। हालांकि, इसमें 2-3 रुपए की मामूली बढ़त हो सकती है, लेकिन लंबी तेजी की संभावना कम है।
मसूर बाजार में भी नरमी का रुख देखा जा रहा है, लेकिन भविष्य में सुधार की उम्मीद है। घरेलू मसूर के भाव 6600 से बढ़कर 6800 रुपए प्रति क्विंटल तक पहुंच गए हैं, जबकि कनाडा की मसूर 6230-6235 रुपए प्रति क्विंटल पर बिक रही है। आयात महंगा होने और बंदरगाहों पर स्टॉक घटने से नई फसल के आने से पहले मसूर में 100 रुपए प्रति क्विंटल तक की तेजी संभव है।
सार:
मूंग और उड़द में जहां नई फसल और कमजोर मांग के चलते मंदी का माहौल है, वहीं मसूर में नई फसल से पहले हल्की तेजी की संभावना है। किसानों और व्यापारियों को बाजार की इन परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए फैसले लेने की जरूरत है।