सरसों बाजार में स्थिर लेकिन आत्मविश्वासपूर्ण माहौल दिखा। पिछले कुछ हफ्तों में भावों में अस्थिरता के बाद अब बाज़ार ने कुछ संतुलन पाया है, खासकर तेल मिलों की माँग और किसानों की नियंत्रित बिक्री के चलते।
जयपुर, भरतपुर और अलवर मंडियों से मिली जानकारी के अनुसार, सरसों के भाव ₹5100 से ₹5200/क्विंटल के बीच रहे। कुछ मंडियों में अच्छी गुणवत्ता के माल पर ₹5250 तक की बोली भी लगी। वहीं सरसों खल की कीमतें ₹2450/क्विंटल के पास बनी हुई हैं। खल की मांग फिलहाल सीमित मात्रा में है, लेकिन स्थिर बनी हुई है।
तेल मिलों की गतिविधि पिछले सप्ताह की तुलना में बेहतर रही। कई मध्यम दर्जे की मिलों ने स्टॉक रिफिलिंग के लिए सरसों की खरीद शुरू की है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सरसों तेल की कीमतों में स्थिरता आई है, जिससे घरेलू क्रशिंग यूनिट्स को सहारा मिला है।
इस साल फसल की गुणवत्ता औसत से बेहतर रही है, लेकिन किसान अब मंडियों में माल सीमित मात्रा में ला रहे हैं। इसके पीछे दो कारण बताए जा रहे हैं — एक, बाजार में संभावित तेजी की उम्मीद और दूसरा, बुवाई की तैयारी।
बाजार विश्लेषण:
अगर तेल मिलों की मांग बनी रहती है और मानसून सामान्य रहा, तो जून के अंत तक सरसों के भाव ₹5400–₹5500 तक पहुँच सकते हैं। हालांकि, किसी भी सरकारी हस्तक्षेप या निर्यात पाबंदी से बाजार की दिशा बदल सकती है।
सरसों व्यापारियों और क्रशिंग यूनिट्स को इस समय नाप-तौल कर स्टॉकिंग करनी चाहिए। मंडी आवक, तेल भाव और खल डिमांड — इन तीन कारकों की निरंतर निगरानी ज़रूरी है।